VEDANTA अगले 3 साल में करेगा बड़ा निवेश, जानें किस छेत्र में है व्यापर विस्तार की तयारी
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वेदांता ने एक दशक से भी अधिक समय पहले स्कॉटलैंड कंपनी केयर्न एनर्जी (जो अब मकर एनर्जी के रूप में जानी जाती है) की भारतीय संपत्तियों का अधिग्रहण किया था। कंपनी, मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंताओं से प्रभावित हुए बिना निवेश को आगे बढ़ा रही है।
वेदांता लिमिटेड अगले तीन साल में कच्चा तेल उत्पादन को दोगुना करने के लिए चार अरब डॉलर का निवेश करेगी। कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मंगलवार को यहां भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) के मौके पर कहा कि वेदांता अन्वेषण अभियान से तीन साल में हर दिन 3,00,000 बैरल (1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष) तेल उत्पादन का लक्ष्य रख रही है। वेदांता ने एक दशक से भी अधिक समय पहले स्कॉटलैंड कंपनी केयर्न एनर्जी (अब मकर एनर्जी) की भारतीय संपत्तियों का अधिग्रहण किया था। कंपनी, मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंताओं से प्रभावित हुए बिना, निवेश को आगे बढ़ा रही है।
हर दिन इतना तेल का होता है प्रोडक्श
कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में भारत सबसे उपयुक्त स्थान है। यहां संसाधनों के साथ-साथ बाजार भी है, लेकिन दुर्भाग्य से हम (एक देश के रूप में) केवल 15 प्रतिशत अपनी आवश्यकता का उत्पादन करते हैं और बाकी को आयात किया जाता है। अग्रवाल ने बताया कि उनकी कंपनी वर्तमान में करीब 1,40,000 बैरल प्रतिदिन तेल और तेल के बराबर गैस का उत्पादन करती है। पूर्वोत्तर और गहरे पानी में उनके पास काफी बेहतर क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने 'ओपन एकरेज लाइसेंसिंग' बोली दौर में हासिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) की गोलमेज बैठक में भी अग्रवाल ने इस विषय पर अपनी बात रखी।
भारत को लेकर आशावादी हैं अनिल अग्रवाल
उसके अतिरिक्त, उन्होंने आगे यह कहा कि हमारी इच्छा है कि करों को वैश्विक स्तर पर लाया जाए ताकि वैश्विक कंपनियों और हमारे बीच अनुरूपता हो। उन्होंने कहा कि सरकार को तेल और गैस ब्लॉक के पट्टे उनके आर्थिक रूप से उपयुक्त होने तक के लिए देने चाहिए, न कि तदर्थ वर्षों के लिए ताकि कंपनियों को अपनी निवेश रणनीति के साथ बेहतर योजना बनाने में मदद मिल सके।
50 फीसदी एनर्जी खुद बना सकता है भारत
इसके अलावा अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारत 50 प्रतिशत ऊर्जा खुद बना सकता है. वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है. वेदांता ने क्षमता बढ़ाने के लिए हॉलिबर्टन और बेकर ह्यूजेस सहित अमेरिकी तेल क्षेत्र सेवा कंपनियों के साथ समझौता किया है.
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