भारतीय रेलवे में ₹21 करोड़ का ठगी का मामला | जाने पूरा मामला

भारतीय रेलवे में ₹21 करोड़ का ठगी का मामला | जाने पूरा मामला

भारतीय रेलवे में ₹21 करोड़ का ठगी का मामला, फर्जी भर्ती रैकेट का पर्दाफाश, नौकरी के नाम पर पैसे देने से सावधान रहें

रेलवे नौकरी घोटाला: अक्सर नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी की खबरें सामने आती हैं। हाल ही में पश्चिमी रेलवे की विजिलेंस टीम ने एक फर्जी भर्ती रैकेट का पर्दाफाश किया है।

रेलवे नौकरी घोटाला: बार-बार नौकरी के नाम पर ठगी की रिपोर्टें आती रहती हैं। हाल ही में पश्चिमी रेलवे की विजिलेंस टीम ने एक फर्जी भर्ती रैकेट का पर्दाफाश किया है। रेलवे में नौकरी के नाम पर 300 से अधिक आवेदकों से करीब 21 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। आइए, इस खबर को विस्तार से जानते हैं।

फर्जी भर्ती रैकेट का विवादास्पद खुलासा

पश्चिमी रेलवे की विजिलेंस टीम ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर फर्जी भर्ती रैकेट का पर्दाफाश किया है। 2 फरवरी, 2024 को टीम ने एक फर्जी रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसमें 300 से अधिक उम्मीदवारों को लगभग 21 करोड़ रुपये का ठगी का शिकार बनाया गया था। टीम ने 3 महीनों से इस फर्जी रैकेट की जाँच की थी।

Google Pay के माध्यम से हुई ठगी
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रेलवे में फर्जी भर्ती रैकेट के मास्टरमाइंड अपराधी हड़ताली प्रसाद रोहिदास को पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया गया था। एक बाहरी व्यक्ति और दो प्रॉक्सी उम्मीदवारों की मदद से Google Pay के माध्यम से अपराधी को 20,000/- रुपये ट्रांसफर किए गए। आगे की किस्त के भुगतान के लिए मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर श्री रोहिदास से मिलने की योजना बनाई गई। 02 फरवरी, 2024 को लगभग 14.00 बजे, उसे मुंबई सेंट्रल से पकड़ लिया गया।

हर कैंडिडेट से लिए गए 9-10 लाख रुपये

जांच के दौरान रोहिदास ने खुलासा किया कि उसने प्रत्येक अभ्यर्थी से 9-10 लाख रुपये वसूले थे। उसने कोलकाता के एक व्यक्ति की सहायता से फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। उसके स्मार्टफोन में कुल 180 नंबर ब्लॉक हुए, संभवतः ये उन्हीं लोगों के थे, जिन्होंने रेलवे में नौकरी प्राप्त करने के लिए बड़ी रकम दी थी। टीम ने उन व्यक्तियों की लगभग 120 चैट्स का पता लगाया, जो अपने पैसों (5-8 लाख रुपये तक) की वापसी मांग रहे थे, जिन्हें सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए दिए गए थे। भर्ती हुए कर्मचारियों के सभी फर्जी दस्तावेज, चैट्स और वीडियो बरामद किए गए हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की शुरुआत की गई है। आरोपी को जीआरपी मुंबई सेंट्रल को सौंप दिया गया है और आईपीसी की धारा 420, 465, 468, 470 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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